नई दिल्ली, अप्रैल
18: विश्व होम्योपैथी सप्ताह के अवसर पर जर्मनी के ऐतिहासिक शहर
कोथेन में "विश्व होम्योपैथी शिखर सम्मेलन 3" का आयोजन किया गया। यह आयोजन होम्योपैथी
के जनक डॉ. सैमुअल हैनिमैन की जयंती के उपलक्ष्य में संपन्न हुआ, जिसमें दुनिया भर से 200 से
अधिक होम्योपैथी विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया।
कोथेन को पारंपरिक और वैज्ञानिक
होम्योपैथी का वैश्विक केंद्र माना जाता है। इस आयोजन में अमेरिका, यूके, ब्राजील, सर्बिया, नीदरलैंड और भारत
समेत कई देशों के प्रतिष्ठित चिकित्सक शामिल हुए। प्रतिनिधियों में प्रमुख नामों
में डॉ. लोरी ग्रॉसमैन (अध्यक्ष, नेशनल सेंटर फॉर होम्योपैथी, यूएसए), प्रो. रोनाल्ड मोरी
(यूके), डॉ.
नितीश दुबे (सीएमडी, हरिओम होमियो, भारत) और प्रो. डॉ. डोर्ली (ब्राजील)
शामिल रहे।
आयोजन के दौरान प्रतिभागियों को डॉ.
हैनिमैन के ऐतिहासिक घर और उनके क्लिनिक का दौरा करने का अवसर भी प्राप्त हुआ।
इसके अतिरिक्त यूरोपियन लाइब्रेरी ऑफ होम्योपैथी में आयोजित हुए संवाद सत्रों में
विभिन्न देशों के चिकित्सकों ने शैक्षणिक और अनुसंधान-आधारित विचारों का
आदान-प्रदान किया।
सम्मेलन की एक विशेष झलक पुरस्कार
समारोह रही, जिसमें 60 से अधिक चिकित्सकों को उनके योगदान के
लिए सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व विश्व कप
विजेता कप्तान इयोन मॉर्गन और कोथेन के संसद सदस्य बास्टियन बर्नहैगन भी उपस्थित
रहे।
इस कार्यक्रम का आयोजन बर्नेट
होम्योपैथी प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से किया गया, जो शिक्षा, अनुसंधान और वैश्विक भागीदारी के माध्यम
से होम्योपैथी को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है। कंपनी के सीएमडी डॉ. नितीश दुबे
ने यूरोपियन होम्योपैथिक संस्थानों और कोथेन की वैज्ञानिक होम्योपैथी सोसाइटी को
इस आयोजन में सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया।
कोथेन में हुआ यह सम्मेलन न केवल
होम्योपैथी के विकास के लिए एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर रहा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय
समुदाय के बीच सहयोग और समन्वय का एक सशक्त उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।