नई
दिल्ली : सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन और सनातन संस्था ने घोषणा की है कि शंखनाद महोत्सव
का आयोजन 13 और 14 दिसंबर 2025 को प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में किया जाएगा। यह
कार्यक्रम सनातन संस्था के सिल्वर जुबिली समारोह का हिस्सा है और भारतीय संस्कृति तथा
आध्यात्मिक मूल्यों को केंद्र में रखकर तैयार किया गया है। छत्रपति शिवाजी के शस्त्रों
की प्रदर्शनी भी इस आयोजन का हिस्सा होगी।
आयोजकों
के अनुसार, दिल्ली को इसलिए चुना गया है क्योंकि यह राष्ट्रीय सांस्कृतिक गतिविधियों
का केंद्र है और पूरे देश से बड़ी संख्या में प्रतिभागियों को आकर्षित करता है। दो
दिवसीय महोत्सव में संवाद, प्रदर्शनी और सांस्कृतिक गतिविधियों की श्रृंखला शामिल होगी,
जिनका उद्देश्य भारत की सभ्यतागत विरासत को नए सिरे से सामने लाना है।
कार्यक्रम
का सबसे प्रमुख आकर्षण ‘सनातन संस्कृति संवाद’ होगा, जो 13 और 14 दिसंबर को कन्वेंशन
हॉल में आयोजित किया जाएगा। इनमें विद्वान, विशेषज्ञ और विचारक भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक
और सभ्यतागत दृष्टि पर चर्चा करेंगे। आयोजकों का कहना है कि इन सत्रों में युवाओं और
सांस्कृतिक अभिरुचि रखने वाले लोगों की बड़ी भागीदारी की उम्मीद है।
इसके
साथ ही, 13 से 15 दिसंबर तक ऐतिहासिक शस्त्र एवं सांस्कृतिक प्रदर्शनी का आयोजन एग्ज़िबिशन
हॉल 12 में होगा। प्रदर्शनी में दुर्लभ कलाकृतियाँ और ऐतिहासिक धरोहरें प्रदर्शित की
जाएंगी। मुख्य आकर्षण छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रसिद्ध ‘भावानी तलवार’ का प्रदर्शन
होगा। पारंपरिक मार्शल आर्ट्स के लाइव डेमोंस्ट्रेशन भी किए जाएंगे।
14
दिसंबर को ‘वैश्विक कल्याण हेतु सनातन राष्ट्र’ विषय पर विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा,
जिसमें भारत की सांस्कृतिक पुनर्जागरण, राष्ट्रीय विकास और वैश्विक योगदान पर चर्चा
होगी। विभिन्न क्षेत्रों के वक्ता इस सत्र में अपने विचार रखेंगे।
आयोजकों
का कहना है कि शंखनाद महोत्सव का उद्देश्य नागरिकों, युवाओं, विचारकों और सांस्कृतिक
समुदायों को एक मंच पर लाना है, ताकि भारत की सांस्कृतिक पहचान और विरासत के संरक्षण
के प्रति सामूहिक जागरूकता बढ़ सके।
फाउंडेशन
ने सभी इच्छुक लोगों को इस दो दिवसीय महोत्सव में शामिल होने और भारतीय संस्कृति के
इस विशेष आयोजन का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया है।
